इश्क़ में हालत हमारी पागलों सी हो गयी।
चन्द सांसे थीं अमन की वो भी यारो खो गयी।।
सांस जब लेते हैं तो है नाम उनका गूंजता।
दिल की हर धड़कन हमारी नाम उनके हो गयी।।
होती है क्या सबकी हालात प्यार में ऐसी कहो।
जैसी हालात दिल लगा कर आज अपनी हो गयी।।
देख लें वो मुस्कुरा कर नींद उड़ जाती है क्यों।
ऐसा लगता है हुकूमत उनकी हम पर हो गयी।।
एक दिन देखें ना उनको चैन क्यों पड़ता नहीं।
उनसे नज़रें मिलना क्यों अपनी आदत हो गयी।।
मुस्कुरादें वो अगर तो धडकने लगता है दिल।
गर उदास हों लगे जाने क्या आफत हो गयी।।
भूल कर "सागर" सभी कुछ नाम उनका याद है।
क्या करें यारों हमें भी अब मोहब्बत हो गयी।।
©नृपेंद्र शर्मा "सागर"
9045548008
वाह...
ReplyDeleteहम तो कायल आपकी पहली गज़ल पढ़ हो गये
आगे के अल्फा़ज से हम यहीं वाकिफ़ हो गये
हार्दिक आभार
Deleteवाह ....बहुत सुंदर ग़ज़ल नृपेंद्र जी
ReplyDeleteधन्यवाद
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